undefined

यत्र प्रसन्नं जननी देवता स्यात्, तत्र सर्वदा सुखम् अभिवर्धते। स्थानं नृपत्वस्य च राज्यते यत्र, तत्र गृहस्थस्य समृद्धिरागता॥

विवाह, मानव समाज की एक महत्वपूर्ण घटना है जो दो आत्माओं को एक साथ जोड़ती है। यह न केवल दो व्यक्तियों के बीच संबंध को स्थापित करता है, बल्कि दो परिवारों और समाज के बीच भी एक मजबूत बंधन बनाता है। विवाह के अवसर पर न तो केवल दो व्यक्तियों का ही जीवन परिवर्तित होता है, बल्कि उनके आस-पास के सभी लोगों का जीवन भी प्रभावित होता है।

विवाह शब्द का उपस्थापन व्याकरण के दृष्टिकोण से बहुत ही रोचक है। इसे वि (विशेष रूप से) उपसर्ग, वाह धातु, और घञ् प्रत्यय से बनाया गया है। इसका अर्थ है "विशेष रूप से वहन" या "विशेष रूप से कन्या को वहन करना"। विवाह का अर्थ होता है दो आत्मीय को एक आत्मीय करना। यह न केवल दो लोगों के बीच व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक होता है, बल्कि दो जीवों की आत्मा को एकत्रित करने का अवसर प्रदान करता है। इसलिए, विवाह को एक अद्वितीय प्रकार का अनुभव माना जा सकता है जो केवल दो लोगों के बीच नहीं, बल्कि उनके आस-पास के समाज के साथी और परिवार के सभी सदस्यों के लिए भी होता है।

आजकल, अनेक व्यक्ति शादी और विवाहित जीवन से संबंधित मुद्दों के लिए ज्योतिषियों से सलाह लेते हैं। मैंने देखा है कि इन मामलों में विवाहित जीवन की अधिकांश चिंताओं की बढ़ती चर्चा है। यह असफल विवाहों के बारे में चिंता ने बहुत से युवा लोगों को एकल रहने या विवाह की जिम्मेदारी न लेने की चुनौती दी है। कुछ महिलाएं बच्चों के लिए अपालन या सरोगेसी का चयन कर रही हैं, जन्म दर्द के बिना और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण नहीं, बल्कि अपने पति के बिना बच्चों की इच्छा के कारण।

मेरी शादी कब होगी?
लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज?
मेरी शादी में देरी क्यों हो रही है?
मेरा जीवन साथी कैसा होगा?
मुझे शादी से इंकार क्यों किया गया?
मेरा वैवाहिक जीवन अशांत क्यों है?
क्या मेरी शादी जारी रहेगी या हम अलग हो जायेंगे?
क्या मुझे दूसरी शादी करनी चाहिए?

विवाह के पश्चात स्त्री और पुरुष गृहस्थ जीवन में प्रवेश करते हैं, जिसमें उन्हें अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नई जिम्मेदारियाँ संभालनी होती हैं। यह उन्हें सामाजिक और नैतिक मूल्यों के साथ संपन्न होने का अवसर भी प्रदान करता है। गृहस्थ जीवन में संयम का महत्व बहुत होता है, जो व्यक्ति को उनकी सामाजिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

विवाह का महत्वपूर्ण एवं आदर्शिक स्थान है, जो किसी भी समाज में स्थायी और समृद्ध संबंधों का आधार बनाता है। इसे मानव समाज के सामाजिक और आर्थिक सुधार का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है। विवाह का उद्देश्य न केवल व्यक्तिगत खुशियों को बढ़ावा देना होता है, बल्कि समाज के साथी और संघीयों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को भी मजबूत करना होता है।

विवाह के माध्यम से दो व्यक्तियों के बीच स्थायी संबंध बनते हैं, जो उन्हें साथी के रूप में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। यह न केवल उनके बीच के संबंध को स्थापित करता है, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में एक दूसरे का साथ देने का अवसर भी प्रदान करता है। विवाह के माध्यम से दो लोगों के बीच मित्रता, साझेदारी, समर्थन, और प्यार का अद्वितीय बंधन बनता है।

विवाह न केवल दो व्यक्तियों के बीच संबंध को स्थापित करता है, बल्कि वह समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण नियम होता है। इसके माध्यम से समाज में स्थायी और सामूहिक संबंध बनते हैं, जो समाज की समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विवाह समाज में समानता, संवेदनशीलता, और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देता है, जो एक स्थायी और समृद्ध समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण है।

इस प्रकार, विवाह का महत्व न केवल व्यक्तिगत स्तर पर होता है, बल्कि समाज के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक संबंध की स्थापना और समाज के साथी के बीच साझेदारी का एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जो समृद्ध और सहिष्णु समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ज्योतिष एक व्यक्ति के विवाहित जीवन का अंदरूनी दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है और उसे चिंता से राहत दे सकता है। यह एक व्यक्ति को जीवन साथी का चयन करने में सहायक हो सकता है, जन्मकुंडलियों को मिलाकर। यह किसी व्यक्ति को कुंडली मिलान करके उपयुक्त जीवन साथी चुनने में मदद कर सकता है। यदि कर्म ठीक नहीं हैं तो यह प्रभावी उपायों के माध्यम से विवाहित जीवन में किसी भी समस्या को हल करने में मदद कर सकता है।

Available Slots