भारतीय ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, मंगल दोष एक ऐसी ग्रह दोष है जो किसी व्यक्ति के जीवन में विवाह और संबंधों में समस्याओं का कारण बन सकता है। मंगल ग्रह को दोषित माना जाता है जब वह कुंडली में कुंडली के किसी निश्चित भाव में स्थित होता है और अन्य ग्रहों से युक्त होता है।

मंगल ग्रह के दोष का संबंध कुंडली के नौ भावों में जिनमें यह स्थित होता है, से होता है। मंगल के दोष का प्रभाव विवाह, संबंध और परिवार में विवाद, अस्थिरता और संबंधों में कठिनाई के रूप में दिखाई दे सकता है। इसके अलावा, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव होता है।

मंगल दोष के उपाय:

  1. मंगल दोष निवारण के लिए शास्त्रों के अनुसार पूजा करें: ग्रहों के दोष को दूर करने के लिए शास्त्रों में विशेष पूजा-पाठ की विधि बताई गई है। विनय परीख जैसे विशेषज्ञ ज्योतिषी से पूजा और उपासना के लिए सलाह लें।
  2. मंगल दोष निवारण के लिए व्रत: मंगल के दोष को दूर करने के लिए मंगलवार का व्रत रखें। इसके अलावा, मंगल के दोष को दूर करने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  3. ज्योतिष उपाय: ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं जो मंगल दोष को दूर करने के लिए किए जा सकते हैं। इनमें मंत्र-तंत्र, रत्न धारण, और कुंडली की शांति के लिए हवन आदि शामिल हैं।
  4. धार्मिक क्रियाएँ: विवाह से पहले, विवाह के बाद या संबंधित किसी भी समय धार्मिक क्रियाएँ करना भी मंगल दोष को दूर करने में मदद कर सकता है।

मंगल दोष के अनुभव और उपाय के लिए सही सलाह लेना जरूरी है। आपके जीवन को शांति, समृद्धि और समाधान की दिशा में बदलने के लिए, एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करें।

आरोग्यं परमं भाग्यं सत्यं सत्यं धनं शुभम्। सविद्या बलवान् जीवः सुस्थिरो वाग्मिश्वरैः प्रियः॥

धनं धान्यं धर्मं च सुखं यशश्च लक्ष्मिकाः। प्राणैर्बलैः प्रियं मित्रं च जन्मदिनवासिनः॥

सर्वस्य धर्मस्य लक्षणं श्रेयोऽधिगच्छति। धर्मः सर्वस्य च विशेषणं श्रेयस्तस्य धीमतः॥

मंगल ग्रह के दोष को दूर करने के लिए सही उपायों का पालन करें, ध्यान और आत्म-समर्पण के साथ। एक अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करें और समस्याओं का समाधान पाएं।

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